✓ इस चक्र की खोज एच.ए. क्रेब्स ने की थी।
✓ क्रेब्स चक्र के एंजाइम माइटोकॉन्ड्रिया के मैट्रिक्स में पाए जाते है। अपवादस्वरूप सक्सीनेट डीहाइड्रोजिनेज एंजाइम आंतरिक माइटोकॉन्ड्रियल झिल्ली में पाया जाता है।
✓ इसे सिट्रिक एसिड चक्र भी कहा जाता है, क्योंकि इसका प्रथम उत्पाद सिट्रिक एसिड होता है।
✓ सिट्रिक एसिड में तीन कार्बोक्सिलिक समूह पाए जाते है, अतः इसे ट्राई कार्बोक्सिलिक एसिड चक्र या टीसीए चक्र भी कहते है।
✓ क्रेब्स चक्र एक अपघटनीय प्रक्रिया है, परंतु इसके विभिन्न मध्यवर्ती अन्य पदार्थों के संश्लेषण में भी काम आते है। अतः क्रेब्स चक्र को एम्फीबोलिक यानि उभयधर्मी चक्र भी कहा जाता है।
✓ क्रेब्स चक्र में 4 बार ऑक्सीकरण होता है, जिससे 5 NADH2 व एक FADH2 बनता है तथा आधारी स्तर फॉस्फोरिलीकरण द्वारा एक जीटीपी भी बनता है। अतः एक क्रेब्स चक्र द्वारा कुल 12 एटीपी बनती है तथा एक ग्लूकोज अणु के ऑक्सीकरण में क्रेब्स चक्र दो बार चलता है। अतः कुल 24 एटीपी बनती है।
∆ क्रेब्स चक्र की जैव रासायनिक अभिक्रियाऐं -
✓ एसीटाइल को एंजाइम ए व ऑक्जेलो एसीटीक एसिड, सिट्रेट सिंथेटेज एंजाइम की उपस्थिति में सिट्रिक अम्ल व को एंजाइम ए का निर्माण करते है।
✓ सिट्रिक एसिड, एकोनिटेज एंजाइम की उपस्थिति में सिस एकोनिटिक एसिड का निर्माण करता है।
✓ सिस एकोनिटिक एसिड आइसोमरेज एंजाइम की उपस्थिति में आइसोसिट्रेट में परिवर्तित हो जाता है।
✓ आइसो सिट्रेट, आइसो सिट्रेट डिहाइड्रोजिनेज की उपस्थिति में ऑक्जेलोसक्सिनिक एसिड का निर्माण करता है।
✓ ऑक्जेलोसक्सिनिक एसिड, डीकार्बोक्सीलेज की उपस्थिति में एल्फा कीटो ग्लूटरेट का निर्माण करता है व कार्बन डाई ऑक्साइड का निष्कासन होता है।
✓ एल्फा कीटो ग्लूटरेट, एल्फा कीटोग्लूटरेट डीहाइड्रोजिनेज की उपस्थिति में सक्सिनील को एंजाइम ए का निर्माण करता है व कार्बन डाई ऑक्साइड का निष्कासन होता है।
✓ सक्सिनील को एंजाइम ए, थायोकाइनेज की उपस्थिति में सक्सिनिक अम्ल में परिवर्तित हो जाता है।
✓ सक्सिनिक एसिड, सक्सिनेट डीहाइड्रोजिनेज की उपस्थिति में फ्यूमेरिक एसिड का निर्माण करता है।
✓ फ्यूमेरिक एसिड, फ्यूमेरेज एंजाइम की उपस्थिति में मैलिक एसिड का निर्माण करता है।
✓ मैलिक एसिड, मैलेट डीहाइड्रोजिनेज की उपस्थिति में ऑक्जेलो एसिटिक एसिड का निर्माण करता है।
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