✓ इसे गेटवे अभिक्रिया भी कहते है।
✓ यह ग्लाइकोलाइसिस को क्रेब्स चक्र से जोडती है, इसमे श्वसन के दौरान पहली बार ऑक्सीजन काम में आती है तथा कार्बन डाई ऑक्साइड मुक्त होती है। अतः एसीटाइल को एंजाइम ए का निर्माण वायवीय परिस्थितियों में होता है।
✓ इसमें एक अत्यधिक महत्वपूर्ण जटिल एंजाइम तंत्र पायरूवेट डीहाइड्रोजिनेज कार्य करता है। जिसके 5 घटक है-
• निकोटीनामाइड एडीनीन डाइन्यूक्लियोटाइड या एनएडी
• थाइमिन पायरोफॉस्फेट या टीपीपी
• मैग्नीशियम
• को एंजाइम ए
• लिपोइक अम्ल या LA
✓ इस अभिक्रिया में विकार्बोक्सिलीकरण व विहाइड्रोजिनीकरण होता है। अतः इसे ऑक्सीकारी विकार्बोक्सिलीकरण भी कहा जाता है।
✓ एसीटाइल को एंजाइम ए, कार्बोहाइड्रेट व वसा उपापचय के बीच लिंकिंग अणु है।
✓ इस अभिक्रिया में पायरूविक अम्ल के 2 अणु, को एंजाइम ए के 2 अणुओं के साथ मिलकर, पायरूविक डीहाइड्रोजिनेज कॉम्पलेक्स की उपस्थिति में एसीटाइल को एंजाइम ए के 2 अणुओं का निर्माण करते है व कार्बन डाई ऑक्साइड के 2 अणु निष्कासित होते है। व NAD के 2 अणु, NADH2 के 2 अणुओं में परिवर्तित हो जाती है।
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