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एलिसा एवम् ELISA के प्रकार (ELISA & Types of ELISA)

 एंजाइम लिंक्ड इम्यूनो सॉरबेंट एसे (Enzyme-linked immunosorbent assay) को सामान्यत: एलिसा (ELISA or EIA) के नाम से जाना जाता है। यह सिद्धांतत: तो रेडियो इम्यूनो एसे (Radio immuno assay - RIA) के समान ही है, परंतु यह रेडियो सक्रिय चिह्न के स्थान पर एंजाइम पर निर्भर है।

एलिसा एवम् ELISA के प्रकार (ELISA & Types of ELISA)



जब प्रतिरक्षी किसी ऐसे रंगहीन पदार्थ के साथ क्रिया करके रंगीन उत्पाद बनाती है, तो ऐसा रंगहीन पदार्थ क्रोमोजेनिक सबस्ट्रेट (Chromogenic Substrate) कहलाता है।
एंजाइम जो ELISA परीक्षण में उपयोग में लिए जाते है - 
alkaline phosphatase, horse radish peroxidase, and galactosidase.
यह परीक्षण RIA की तुलना में सुरक्षित एवम् कम लागत वाला है।


ELISA के प्रकार (Types of ELISA):-
गुणवत्ता एवम् संख्या या प्रतिरक्षी-प्रतिजन के आधार पर ELISA के विभिन्न प्रकार है। ELISA का प्रत्येक प्रकार गुणवत्ता के आधार पर प्रतिरक्षी और प्रतिजन की उपस्थिति जांचने में उपयोगी है। इसी प्रकार प्रतिजन व प्रतिरक्षी की सांद्रता के मानक वक्र से किसी नमूने की अज्ञात सांद्रता ज्ञात की जा सकती है।

1.अप्रत्यक्ष एलिसा (Indirect ELISA) :-
अप्रत्यक्ष एलिसा से गुणात्मकता या प्रतिरक्षी का पता लगाया जा सकता है। इसमें एंटीजन कोटेड माइक्रो टीटर वेल में Serum या अन्य नमूना जिसमे प्राथमिक एंटीबॉडी (Ab1) हो मिलाया जाता है, जो वेल में उपस्थित एंटीजन से क्रिया करता है। इसके बाद मुक्त Ab1 को धो दिया जाता है, एंटीजन बंधित एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए एंजाइम संयुग्मित द्वितीयक एंटी आइसोटोप एंटीबॉडी (Ab2) को मिलाया जाता है, जो प्राथमिक एंटीबॉडी से बंध जाती है। इसके बाद मुक्त Ab2 को धो दिया जाता है, और एंजाइम के लिए सबस्ट्रेट मिलाया जाता है। रंगीन क्रिया उत्पाद की मात्रा का पता लगाने के लिए विशिष्ट spectrophotometric reader plate का उपयोग किया जाता है, जो कि सभी वेल्स की 96 well plate seconds में माप सकता है।


2.सैंडविच एलिसा (Sandwich ELISA) :-
सैंडविच एलिसा से एंटीजन का परीक्षण किया जा सकता है। इस विधि में, microtiter well में एंटीबॉडी होती है। इस well में एंटीजन युक्त नमूना डालकर उसकी क्रिया एंटीबॉडी से करवाई जाती है। इसके बाद well को धोकर भिन्न epitope के लिए विशिष्ट द्वितीयक एंजाइम बंधित एंटीबॉडी की क्रिया बंधित एंटीजन से करवाई जाती है। इसके बाद मुक्त द्वितीयक एंटीबॉडी को धोकर, सबस्ट्रेट मिलाकर, रंगीन क्रिया उत्पाद का मापन किया जाता है।


3.प्रतियोगी एलिसा (Competitive ELISA) :-
इस एलिसा के द्वारा भी प्रतिजन की मात्रा का पता लगाया जाता है। इस विधि में सर्वप्रथम एंटीबॉडी को एंटीजन के साथ इनक्यूबेट (उद्भवन) किया जाता है। इसके बाद एंटीजन - एंटीबॉडी मिश्रण को एंटीजन कोटेड microtiter well में मिलाया जाता है। मिश्रण में जितनी ज्यादा एंटीजन होगी, उतनी ही कम एंटीबॉडी एंटीजन कोटेड microtiter well से क्रिया करने के लिए उपलब्ध होगी। अप्रत्यक्ष एलिसा की तरह Ab2 एंटीबॉडी का प्रयोग करके well से बंधित प्राथमिक एंटीबॉडी की मात्रा का पता लगाया जा सकता है।

Comments

  1. please radioimmunoassay ke baare me bhi detail se samjhao

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    1. Go through this link -
      https://books4bio.blogspot.com/2023/05/radio-immuno-assay.html

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