Skip to main content

अंग क्यों सो जाते हैं? (Why do limbs fall asleep?)

 यह मूल रूप से तंत्रिकाओं (Nerves) के कारण होता है। तंत्रिकाओं के माध्यम से, हमारा मस्तिष्क हमारे अंगों के साथ संचार करता है। हालांकि, जब हम अपने पैरों को क्रॉस करके बैठते हैं (एक पैर के ऊपर दूसरा पैर रखकर बैठते है) या बहुत देर तक बांह पर सोते हैं, तो हम दबाव लागू करते हैं। जिससे तंत्रिका मार्ग और इसके आसपास की धमनियां सिकुड़ जाती हैं।

इसलिए, तंत्रिका ठीक से काम नहीं करती हैं और धमनियां तंत्रिकाओं को आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति नहीं कर सकती हैं। परिणामस्वरूप, हमारे मस्तिष्क द्वारा भेजे गए संकेत अंग तक नहीं पहुंचते हैं। तो, हम कहते हैं कि हमारा अंग सो गया है।


इसके अलावा, कुछ स्थितियों में, इनमें से कुछ तंत्रिका संकेत भेजना बंद कर देते हैं। जबकि कुछ अत्यधिक सक्रीय (Hyper-actively) रूप से संकेत भेजती है| इससे हमें पिन और सुइयों की अनुभूति होती है।

Comments

Popular Posts

B.Sc Part-III Practical Records Complete PDF Free Download

पाचन की कार्यिकी (Physiology of Digestion)

1. मुखगुहा में पाचन (Digestion in mouth) - पाचन की प्रक्रिया यांत्रिक एवं रासायनिक विधियों द्वारा सम्पन्न होती हैं। मुखगुहा के मुख्यतः दो कार्य होते हैं- (अ) भोजन को चबाना व (ब) निगलने की क्रिया।

ओर्निथिन चक्र (Ornithine cycle)

यकृत में अमोनिया से यूरिया बनाने की क्रिया भी होती हैं। यह एक जटिल रासायनिक प्रतिक्रिया है , जिसे ऑर्निथिन चक्र (Ornithine cycle) कहते हैं। इसी का नाम क्रेब्स-हैन्सेलेट (Krebs-Henslet cycle) चक्र भी हैं। यूरिया बनने की संपूर्ण प्रक्रिया एक चक्रीय प्रक्रिया हैं तथा इसमें अमोनिया , कार्बनडाइऑक्साइड एवं अमीनो अम्ल का समूह भाग लेते हैं। इसलिए ही इसे ‘ ऑर्निथीन-ऑर्जिनीन चक्र ’ (Ornithine-Arginine cycle) भी कहते हैं। यह निम्न पदों में पूरा होता हैं -   Ornithine cycle