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वर्णांधता या रंग की कमी एक दृष्टि समस्या (Vision Problem) है। हमारी आँखों में छड़ (Rods) और शंकु (Cones) नामक हल्की संवेदनशील कोशिकाएँ (Sensitive Cells) हैं। छड़ें काले और सफेद दृष्टि (Black &White Vision) के लिए जिम्मेदार हैं। वे रंग का पता नहीं लगाते हैं।
जबकि शंकु रंग का पता लगाता है। शंकु तीन प्रकार के होते हैं:-
एक शंकु लाल प्रकाश को देखने में सहायता करता है, दूसरा हरे रंग को देखने में सहायता करता है और तीसरा नीला रंग को देखने में सहायता करता है।
साथ में ये शंकु हमें रंगों के पूरे स्पेक्ट्रम (Spectrum)को देखने में मदद करते हैं।
कुछ मामलों में, जब एक या अधिक प्रकार के शंकु ठीक से काम नहीं करते हैं। इससे वर्णांधता होती है। ऐसी कमी वाले लोगों को कुछ रंगों या रंगों के बीच अंतर करने में कठिनाई होती है।
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