नैनो मिशन की शुरूआत सन् 2007 में रक्षा एवं प्रोद्यौगिकी विभाग (Department of Defense & Technology) (भारत के संदर्भ में) द्वारा की गई। इस विभाग द्वारा निम्न कार्य किए जाते हैं:-
1.नैनो तकनीक के क्षेत्र में मूलभूत अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती हैं।
2. आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए अनुसंधान।
3. नैनो तकनीक क्षेत्र में मानव संसाधन का विकास।
4. अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग स्थापित करना।
5. नैनो तकनीक के अनुप्रयोग विकसित करना।
इस मिशन को लागू करने के लिए नैनो मिशन काउंसिल (Nano Mission Council) का गठन किया गया हैं। काउंसिल की सहायता के लिए नैनो विज्ञान सलाहकार समूह का निर्माण किया गया हैं।
मुख्य नैनो पदार्थ (Important Nano Materials):-
1.ग्रेफीन:-
यह शीट के रूप में बनी कार्बन परमाणु की संरचना हैं, जिसकी लंबाई व चौड़ाई सामान्य होती हैं, किन्तु मोटाई नैनो स्तर की होती हैं।
2. कार्बाइन:-
कार्बन परमाणु की तार जैसी संरचना, इसका निर्माण अभी जारी हैं।
3. फुलरीन:-
यह कार्बन के 60 परमाणुओं से बनी फुटबॉल के समान संरचना हैं। इसे बकी बॉल भी कहा जाता हैं, यह सर्वप्रथम निर्मित नैनो पदार्थ मानी जाती हैं। इसका प्रयोग एन्टीऑक्सीडेन्ट (Antioxidant) के रूप में किया जाता हैं।
4. कार्बन नैनोटयूब:-
यह कार्बन परमाणुओं से बनी बेलनाकार संरचना हैं, जिसका व्यास नैनो मीटर में होता हैं। यह स्टील से 100 गुना मजबूत तथा ताँबे से 10 गुना अधिक सुचालक हैं। इसलिए इसका प्रयोग मुख्यतः इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में किया जाता हैं।
Comments
Post a Comment