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जैविक हथियार(Biological Weapons)

ऐसे जीवाणु, विषाणु, कवक और अन्य जहरीले जीव जिनका प्रयोग करके मनुष्य, जानवरों व पादपों को नुकसान पहुँचाया जा सकता है, जैविक हथियार (Biological Weapons) कहलाते हैं।


संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के अनुसार जैविक हथियारों को 3 श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया हैं :-

1.श्रेणी-ए (Category-A)

2.श्रेणी-बी (Category-B)

3.श्रेणी-सी (Category-C)


1.श्रेणी-ए (Category-A) :-

ऐसे जैविक हथियार जिन्हें आसानी से फैलाया जा सकता हैं तथा इन्हें नियंत्रित करने के लिए अधिक प्रयास की आवश्यकता होती हैं। ये निम्न हैः-


क. इबोला (Ebola) :-

यह एक वायरस हैं। इसका नाम कांगो देश की एक नदी के नाम पर रखा गया हैं। यह एक घातक वायरस हैं।


ख. एन्थ्रेक्स (Anthrax) :-

यह रोग बैसीलस एन्थ्रेसिस (Baccilus anthresis)  नामक जीवाणु से होता हैं। यह एक संक्रामक रोग हैं। यह सामान्यतः पशुओं में होता हैं। इस रोग में शरीर पर घाव हो जाते हैं।


ग. प्लेग (Plague) :-

यह रोग यार्शीनिया पेस्टिस (Yarsinia pestis)  नामक जीवाणु से होता हैं। इस जीवाणु का प्रयोग द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने चीन के विरूद्ध किया था।


घ. बोटुलिज्म (Botulism) :-

यह रोग क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम (Chlostridium botulinum)  के द्वारा होता है।


ण. छोटी माता (Small Pox) :-

यह एक वायरस जनित रोग हैं, जो वेरीसोला मैजर (Verisola major)  नामक वायरस से होता हैं। 1967 में इसका टीका खोज लिया गया।


2. श्रेणी-बी (Category-B) :-

इस श्रेणी में आने वाले जैविक हथियार सीमित क्षेत्र प्रभावित करते हैं एवं इनकी क्षमता भी श्रेणी-ए की तुलना में कम होती हैं।


क. एल्फा टॉक्सिन (α-Toxin) :-

यह कवकों (Fungi) से निकलने वाला जहर होता हैं।


ख. गेंहू सड़न (Wheat Smut) :-

यह रोग भी कवक द्वारा होता हैं, जिससे गेहूँ की फसल खराब हो जाती हैं।


ग. ब्रुसेलोसिस/माल्टा ज्वर (Brucellosis/Malta Fever) :-

यह रोग ब्रुसेला (Brucella) नामक जीवाणु से होता हैं। यह एक प्रकार का बुखार हैं।


घ. राइसिन (Ricin) :-

यह अरण्डी के बीजों में पाया जाने वाला जहर हैं।


3. श्रेणी-सी (Category-C) :-

इस श्रेणी में उन जैविक हथियारों को रखा गया हैं, जो भविष्य में विकसित किए जा सकते हैं। ये निम्न हैं :-

क. हंता वायरस (Hanta Virus) :-

यह कुतरने वाले जंतुओं (Rodents) जैसे- गिलहरी, चूहों में पाया जाता हैं। ये मनुष्यों में भी फैल सकता हैं। ऐसा वायरस जो जंतुओं व मनुष्यों दोनों में रोग उत्पन्न कर सकता है, जूनोटिक वायरस (Zoonotic Virus) कहलाता है। हंता वायरस एक जूनोटिक वायरस है।


ख. निपाह वायरस (Nipah Virus) :-

यह वायरस भी जूनोटिक वायरस है। ये फलाहारी चमगादड़ों (Fruit Bats) में पाया जाता हैं व उनसे मनुष्यों में फैल सकता है।


ग. कोरोना वायरस (Corona Virus) :-

इसकी उत्पति अभी अज्ञात हैं। यह मनुष्यों में हवा के द्वारा या संपर्क के द्वारा फैल सकता है, इससे होने वाली बीमारी कोविड-19 (Covid_19) कहलाती है, क्योंकि इसका पहली बार पता वर्ष-2019 में चला था। ये वायरस फेंफड़ों (Lungs) को संक्रमित करता है। इसके कई वैरिंयट हैं, जैसे- डेल्टा, ओमिक्रॉन।

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