1. अमीबीएसिस (Amoebiasis) -
रोगजनक (Pathogen) - एन्टअमीबा हिस्टोलिटिका (Entamoeba histolitica)।
लक्षण (Symptoms) - ग्रसित व्यक्ति के मल के साथ म्यूकस व रक्त निकलता हैं। आंतों में ऐंठन होती हैं। बड़ी आंतों (कोलन) में अल्सर हो जाते हैं, यकृत को प्रभावित करता हैं, जिससे अमीबीय हिपेटाइटिस हो जाता हैं।
बचाव के उपाय (Precautions) - सब्जियों को भली-भांति धोकर उपयोग में लेना, अमीबीय पुटिकाओं को क्लोरीन, फीनॉल, क्रीसोल द्वारा नष्ट किया जाना चाहिए।
उपचार (Treatment) - प्रतिजैविक पदार्थों जैसे- टेट्रासाइक्लीन (Tetracycline), टेरामाइसीन (Pteromycine) का उपचार में उपयोग किया जाता हैं।
2. मलेरिया (Malaria) 🦟-
मलेरिया मनुष्य में मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता हैं। मच्छर की लार में प्लाज्मोडियम रोगजनक उपस्थित होता हैं।
रोगजनक (Pathogen) - प्लाज्मोडियम (Plasmodium) की चार जातियां हैं, जो कि निम्नानुसार हैं -
Ⅰ. प्लाज्मोडियम वाइवेक्स (P. vivax)
Ⅱ. प्लाज्मोडियम ऑवेल (P. ovel)
Ⅲ. प्लाजमोडियम मलैरी (P. malari)
Ⅳ. प्लाज्मोडियम फैल्सीफेरम (P. falciferum)
लक्षण (Symptoms) - रोगी को शरीर में दर्द, हाथ-पैरों में ऐंठन, सिरदर्द, तीव्र सर्दी लगना, बदन का कांपना, भूख कम लगना, रक्त की कमी होना, रोगी का कमजोर होना, सुस्त व चिड़चिड़ा होना।
बचाव के उपाय (Precautions) - घर के अंदर और आस-पास पानी जमा नहीं होने दें, अगर किसी चीज मे हमेशा पानी जमाकर रखते हैं, तो पहले उसे साबुन और पानी से अच्छे से धो लेना चाहिए, जिससे मच्छर के अण्डों को हटाया जा सके, घर में कीटनाशक का छिड़काव करें, कूलर का काम न होने पर उसमे जमा पानी निकालकर सुखा देना चाहिए, खिड़की और दरवाजे में जाली लगानी चाहिए, शरीर को पूरा ढककर रखना चाहिए, रात को सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करना चाहिए।
उपचार (Treatment) - मच्छर खत्म करने के लिए कीटनाशी का छिड़काव करवाना चाहिए, गड्ढ़ों में जमा पानी को साफ करना चाहिए, मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए। कुछ मुख्य दवाईयां जैसे- कुनैन (Quinine) व क्लोरोक्वीन (Chloroquine) का उपयोग किया जाना चाहिए।
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