वर्तमान में ऊत्तक या अंग प्रत्यारोपण आम बात हो गई हैं। हृदय, फुफ्फुस, यकृत एवं अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण सारी दुनिया में हो रहे हैं। जब व्यक्ति के दोनों वृक्क कार्य करना बंद कर देते हैं, तो वृक्क प्रत्योरोपण एक मात्र इलाज बचता हैं। यकृत पूर्ण रूप से रोग ग्रस्त हो जाए एवं कार्य करना बंद कर दे तो सिर्फ यकृत प्रत्यारोपण ही एक मात्र इलाज होता हैं। खराब हुए अंगों का एक मात्र इलाज अंग प्रत्यारोपण ही हैं। एक व्यक्ति के ऊत्तक या अंगों का दूसरे व्यक्ति में रोपण को प्रत्यारोपण (Transplantation) कहते हैं। अंग प्रत्यारोपण प्रमुख रूप से निम्नलिखित तीन प्रकार का होता हैं -
Organ transplant |
1.स्वतः रोपण (Autograft) -
हमारे शरीर में त्वचा एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से प्रत्यारोपित (Transplant) की जा सकती हैं। अगर एक व्यक्ति से त्वचा लेकर दूसरे व्यक्ति में रोपण की जाती है, तो वह व्यक्ति उसे स्वीकार नहीं कर सकता हैं। हमें ज्ञात है कि स्वयं के ऊत्तक या समान जुड़ाव (Twins) में समान मानव ल्यूकोसाइट प्रतिजन (Human Leukocyte Antigen; HLA) होते हैं। ऐसे ऊत्तक सुसंगत (Compitable) होते हैं, क्योंकि HLA विकल्पी समान होते हैं। अतः ऐसे में ऊत्तक अस्वीकार नहीं करता हैं। अगर ऊत्तक एक ही व्यक्ति के शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रत्यारोपित किया जाता है, तो उसे स्वतः रोपण (Autograft) कहते हैं।
2. एलोरोपण (Allograft) -
यकृत प्रतिरोपण को एलोरोपण (Allograft) कहते हैं। इसमें व्यक्ति के रोगग्रसित यकृत को सामान्य यकृत से बदलते हैं। यह सामान्य यकृत मस्तिष्क मृत (Brain dead) दाता से प्राप्त करते हैं। काफी लंबे समय तक रोगी मस्तिष्क मृत अवस्था में रहता है, तो जीवन बचाओं शल्यचिकित्सा द्वारा यकृत की अन्तिम रोग अवस्था वाले व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जाता हैं। इस प्रकार की क्रियाविधि में सबसे अधिक विकसित आर्थोटोपिक प्रत्यारोपण (Orthotropic transplantation) हैं। इस प्रकार के प्रत्यारोपण में मूल अंग हटाया जाता है एवं दाता का अंग उसी स्थिति में प्रवेश कराया जाता हैं। यह महत्वपूर्ण कार्य 1960 में स्टार्जल (Starzl) द्वारा कोलोराडों विश्वविद्यालय (Colorado University) में किया गया। आजकल यकृत प्रत्यारोपण अन्य प्रत्यारोपण के समान रोज किए जा रहे हैं। एलोरोपण की सफलता 1970 में 30 प्रतिशत थी जो कि अब 80 प्रतिशत हो गई हैं। अमेरिका में 1999 में 74000 रोगियों ने एलोरोपण प्राप्त किया। दिन प्रतिदिन एलोरोपण ग्रहण करने की संख्या बढ़ती जा रही हैं।
3. जीनोरोपण (Xenograft) -
जीनोरोपण में ‘जीनो’ का अर्थ है- ‘विदेशी (Foreign)’ तथा ‘रोपण’ का अर्थ हैं- ‘प्रत्यारोपण (Transplantation)’; अर्थात् ऐसा अंग प्रत्यारोपण जिसमें अंग या ऊत्तक का प्रत्यारोपण किसी अन्य जाति (Species) से किया जाए, तो यह प्रत्यारोपण जीनोरोपण (Xenograft) कहलाता हैं। उदाहरण- यदि किसी अंग का प्रत्यारोपण बैबून (Baboon) से मनुष्य (Human) में किया जाए।
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