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प्रमुख ऊत्तक संयोज्यता जटिल (Major Histocompatibility Complex)

सभी कोशिकाओं में विशेष जीन समूह पाया जाता है, जो कोशिका कला पर उपस्थित विशेष ग्लाइकोप्रोटीन के संश्लेषण से सम्बन्धित होते हैं। एक जीव की सभी कोशिकाओं की सतह पर एक-समान ग्लाइकोप्राटीन्स होते हैं, किन्तु अलग-अलग जीवों की कोशिकाओं पर अलग-अलग ग्लाइकोप्रोटीन्स होते हैं। अतः इन सतही ग्लाइकोप्रोटीन्स (Surface glycoproteins) की सहायता से कोशिकायें Self and Non-self को पहचानती है। ग्लाइकोप्रोटीन्स को प्रमुख ऊत्तक संयोज्यता जटिल (MHC) अणु भी कहते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं -

MHC- अणु शरीर की लगभग सभी कोशिकाओं की सतह पर पाए जाते हैं, जबकि MHC- केवल कुछ विशेष कोशिकाओं जैसे- मैक्रोफैज, बी-लिम्फोसाइट्स तथा सक्रिय टी-कोशिकाओं की सतह पर पाए जाते हैं।

          MHC एन्टीजन के साथ संयोग करके MHC-Antigen कॉम्पलेक्स बनाते हैं, जिनकों टी-लिम्फोसाइट्स की सतह पर उपस्थित विशिष्ट प्रतिजन ग्राही (Antigen receptor) पहचानते हैं। इसी जटिल के आधार पर टी-कोशिकायें Self तथा Non-self को पहचान पाते हैं। प्रतिजन ग्राही प्रोटीन्स के अलावा टी-लिम्फोसाइट्स या टी-कोशिकाओं की कोशिका कला पर 2 अलग प्रकार के प्रोटीन भी होते हैं- CD4 तथा CD8 । कुछ टी-लिम्फोसाइट्स पर CD4 प्रोटीन और दूसरी श्रेणी के टी-लिम्फोसाइट्स पर CD8 प्रोटीन होते हैं। CD4CD8, Antigen Presenting Cells (APC) तथा मारक टी-कोशिका व सहायक टी-कोशिका के बीच की क्रिया में वृद्धि करते हैं।

MHC प्रत्येक जीव के लिए व्यक्तिगत परिचय चिन्ह उत्पन्न करता हैं। मानव श्वेताणुओं की सतह पर MHC उत्पाद जो मानव लिम्फोसाइट्स ऐसोसिऐटेड प्रतिजन (Human Leukocyte Associated Antigen; HLA) कहलाते हैं। प्रत्यारोपण के लिए सक्षमदाता पहचानते है।

 

प्रमुख ऊत्तक संयोज्यता जटिल की संरचना एवं कार्य (MHC Structure and Function)-

क्लास- एवं क्लास- अणु विशिष्ट प्रकार की संरचना वास्तुकला (Structural architecture) प्रदर्शित करते हैं। ये विशिष्ट क्रियात्मक जिम्मेदारी विशेष कर आनुवंशिक एवं प्रतिरक्षित HLA जटिल के गुणों के अनुकूल होती हैं। क्लास- एवं क्लास- अणु के प्रमुख लक्षण प्रतिजनिक पेप्टाइड को जोड़ने विशिष्ट प्रतिजन टी-कोशिका पर उपस्थित होता हैं। विशिष्ट पेप्टाइड HLA अणु से जुड़ना इसका विशिष्ट लक्षण होता हैं। जुड़ा हुआ पेप्टाइड तृतीयक संरचना निर्माण करता हैं, जिसे MHC-पेप्टाइड जटिल कहते हैं। ये टी-लिम्फोसाइट TCR अणु से जुड़कर सूचना देते हैं। TCR-MHC पेप्टाइड की अनुक्रिया का प्रथम स्थान टी-कोशिका के जीवन में थाइमस होता हैं। यहाँ स्वयं पेप्टाइड परिवर्धित हो रहे थाइमोसाइट (Thymocyte) को MHC अणु प्रदान करते हैं।

ये प्राथमिक रूप से धनात्मक एवं ऋणात्मक चयन के लिए जिम्मेदार होते हैं। परिपक्व टी-कोशिकायें MHC का विरोध करती हैं। अतः MHC-टी-कोशिका जटिल की समृष्टि थाइमस द्वारा प्रदर्शित होती है।

जब TCR अणु HLA-पेप्टाइड जटिल से जुड़ता है, तो दोनों प्रतिजनिक पेप्टाइड एवं HLA अणु स्वयं से इन्टर अणु संबंध बनाता है। TCR, HLA एवं एंटीजेनिक पेप्टाइड के लिए विशिष्ट होना चाहिए। CD4 या CD8 अणुओं के क्रमशः क्लास- या क्लास- अणु से जुड़ना भी टी-कोशिका एवं HLA-पेप्टाइड जटिल की अनुक्रिया पर निर्भर करता है। यह विशिष्ट टी-कोशिका की सक्रियता पर निर्भर करता हैं।

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