हाइपोथैलेमस हमारे मस्तिष्क का अंग हैं, जो तंत्रिकीय तंत्र को अन्तःस्त्रावी तंत्र से जोड़कर समस्थापन में सहायता प्रदान करता हैं। यह अग्र मस्तिष्क की गुहा डाइएनसेफेलॉन के फर्श पर स्थित होता हैं। इसकी आंतरिक संरचना में दो प्रकार की तंत्रिकीय स्त्रावी कोशिकाऐं होती हैं -
1.छोटे एक्सॉन युक्त तंत्रिकीय स्त्रावी कोशिकाऐं -
ये कोशिकाऐं हाइपोथैलेमस हाइपोफिसीयल निवाहिका तंत्र द्वारा पीयूष ग्रन्थि के एडिनोहाइपोफाइसिस भाग के संपर्क में रहती हैं। (निवाहिका तंत्र शब्द का प्रयोग उस अवस्था में किया जाता हैं, जब हमारे शरीर में रक्त एक अंग से दूसरे अंग की ओर हृदय को छोड़कर गमन कर रहा हों।)
हाइपोथैलेमस में उपस्थित छोटे एक्सॉन युक्त तंत्रिकीय स्त्रावी कोशिकाऐं प्रेरित अथवा संदमित प्रकार के हॉर्मोनों का स्त्रावण पीयूष ग्रन्थि के अग्र पिण्ड में करती हैं। प्रेरित हॉर्मोन पीयूष ग्रन्थि से किसी विशिष्ट हॉर्मोन के स्त्रावण को उत्तेजित कर देते हैं, ये निम्न हैं -
TSH-RH – Thyroid Stimulating Hormone Releasing Hormone
ACTH-RH – Adreno Cortico Tropic Hormone Releasing Hormone
GnRH – Gonado Tropic Releasing Hormone
PH-RH – Prolactin Hormone Releasing Hormone
GH-RH – Growth Hormone Releasing Hormone
हाइपोथैलेमस की छोटे एक्सॉन युक्त तंत्रिकीय स्त्रावी कोशिकाऐं दो प्रकार के संदमित हॉर्मोन का स्त्रावण करती हैं, जो अग्र पीयूष ग्रन्थि से विशिष्ट हॉर्मोन के स्त्रावण को धीमा कर देते हैं -
PH-IH – Prolactin Horomone Inhibiting Hormone
GH-IH – Growth Hormone Inhibiting Hormone
Pituitary gland |
2. हाइपोथैलेमस में उपस्थित बड़े एक्सॉन युक्त तंत्रिकीय स्त्रावी कोशिकाऐं -
ये कोशिकाऐं प्रत्यक्ष रूप से पीयूष ग्रन्थि के पश्च पीयूष भाग के संपर्क में रहती हैं। यह दो प्रकार के हॉर्मोनों का निर्माण करती हैं तथा अपने लम्बे एक्सॉन की सहायता से इन्हें सीधा पश्च पीयूष में स्त्रावित कर देती हैं। यह हॉर्मोन निम्न हैं -
ADH – Anti Diuretic Hormone or Vasopressin
OXytocin
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