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स्वास्थ्य एवं रोग (Health & Disease)

Health & Disease
Health & Disease


स्वास्थ्य (Health) -

WHO (World Health Organization) के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा निम्न हैं-

जब शरीर के सभी अंग आपस में बाह्य वातावरण के साथ उचित व वांछित संतुलन बनाए रखते हुए सही कार्य करते हैं, तो इस दशा में शरीर को स्वस्थ या निरोगी कहा जाता हैं।अर्थात् स्वस्थ व्यक्ति सामाजिक, शारीरिक व मानसिक संतुलन की स्थिति में होता हैं।

 

स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting health) -

स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते हैं -

1.आनुवंशिक विकार -

ये विकार जीन या गुणसूत्र की अनियमितता या असामान्यता के कारण उत्पन्न होते हैं, ये हमें माता-पिता से जन्म के साथ ही प्राप्त होते हैं, अर्थात् ये वंशानुगत होते हैं।

 

2. संक्रमण -

अनेकों प्रकार के रोगजनकों के संक्रमण से भी स्वास्थ्य प्रभावित होता है, जैसे- जीवाणु, विषाणु, कवक, प्रोटोजोआ, कृमि आदि संक्रमण कारक हैं।

          ऐसे कारक जो किसी जीव को संक्रमित करते हैं, संक्रमण कारक कहलाते हैं।

 

3. जीवन शैली -

वर्तमान में असंतुलित जीवन शैली भी स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं।

 

रोग (Disease) -

रोगकारक / रोगजनक (Pathogen) -

वे जीव जो रोग उत्पन्न करते हैं, रोगजनक कहलाते हैं।

 

रोगों के प्रकार (Types of diseases) -

रोग सामान्यतः निम्न 2 प्रकार के होते हैं -

1.जन्मजात रोग -

ये रोग आनुवंशिक अनियमितता के कारण उत्पन्न होते हैं तथा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशानुगत होते हैं, इसलिए इन्हें जन्मजात रोग कहा जाता हैं। ये रोग उपापचय में त्रुटि के रूप में प्रकट होते हैं। उदाहरण - हीमोफीलिया, सिकिल सैल एनीमिया, वर्णांधता।

 

2. अर्जित रोग -

ये रोग जन्म के बाद विभिन्न कारकों से उत्पन्न होते हैं। ये निम्न दो प्रकारों के होते हैं -

 

अ.संक्रामक रोग / संचरणशील रोग -

ऐसे रोग जो संक्रमण कारक / रोगकारक द्वारा उत्पन्न होते हैं, संक्रामक रोग कहलाते हैं, ये रोग विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव जैसे - जीवाणु, विषाणु व कवक आदि के द्वारा उत्पन्न होते हैं। ये रोग किसी रोगग्रस्त व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में हवा, पानी, भोजन, भौतिक सम्पर्क व कीटो द्वारा फैलते हैं।

 

ब. असंक्रामक / असंचरणशील रोग -

वे रोग जो एक रोगग्रस्त व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति में संचरित नहीं होते हैं, उन्हें असंक्रामक / असंचरणशील रोग कहते हैं, ये रोग तीन प्रकार के होते हैं -

 

.न्यूनताजन्य रोग -

ये किसी पोषक तत्व की कमी के कारण उत्पन्न होते हैं। जैसे- विटामिन्स की कमी से रोग।

 

. अपह्रासित रोग -

ये किसी ऊत्तक या अंग की क्रियाशीलता की कमी के कारण उत्पन्न रोग होते हैं।

 

. प्रत्युर्जता / एलर्जी -

ये शरीर की अतिसंवेदनशीलता के कारण उत्पन्न रोग हैं, जो एलर्जी कारकों के संपर्क में आने पर होते हैं। उदाहरण - अस्थमा।

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