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असूत्री विभाजन (Amitosis)

असूत्री विभाजन (Amitosis) की खोज रेमेक (Remak) ने की। असूत्री विभाजन का विस्तृत अध्ययन फ्लेमिंग (Fleming) ने किया।

असूत्री विभाजन (Amitosis) अकोशिकीय जीवों जैसे- जीवाणु, प्रोटोजोअन्स इत्यादि में अलैंगिक जनन की विधि हैं। इस प्रकार का विभाजन एक कोशिकीय जीवों तथा भ्रूण कला की कोशिकाओं में पाया जाता हैं। असूत्री विभाजन के समय केन्द्र पहले कुछ लम्बा हो जाता है, तत्पश्चात् मध्य में एक संकीर्णन अवगमन के निर्माण के फलस्वरूप इसकी आकृति डमरू सदृश हो जाती हैं। संकीर्णन के ज्यादा गहरा होने से केन्द्रक दो भागों में बँट जाता है। इस प्रक्रिया के साथ-साथ कोशिका द्रव्य भी लगभग दो समान भागों में विखण्डित होकर दो संतति कोशिकाओं का निर्माण करता है, क्योंकि इस विभाजन में केन्द्रीय घटनाओं का पूर्ण अभाव होता है, अतः यह कोशिका विभाजन की अत्यन्त सरल विधि हैं। यह विभाजन अधिकतर असाधारण परिस्थितियों में ही होता हैं।

इस विभाजन में केन्द्रक झिल्ली लुप्त नहीं होती हैं व केन्द्रिका भी लुप्त नहीं होती हैं। तर्कुतंतु नहीं बनते हैं। इसमें क्रोमेटिन संघनन से गुणसूत्र का निर्माण नहीं होता।

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