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संतुलित आहार (Balanced diet)

हमारे शरीर में पोषक पदार्थों का निर्माण उचित मात्रा में नहीं हो सकता हैं। अतः इन्हें आहार के साथ लेना आवश्यक होता हैं। वह आहार (Diet) जो हमारे शरीर की सभी आवश्यकताओं को पूर्ण करे, उसे सन्तुलित आहार (Balanced diet) कहते हैं।

सन्तुलित आहार पर वैज्ञानिकों ने बहुत कार्य किया है एवं उनके अनुसार अच्छी तन्दरूस्ती (Good health) के लिये हमें ऊर्जा देने वाला पोषण चाहिए, जिसमें प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिन, लवण व पानी आदि उपस्थित हो। हमें विशिष्ट पोषक तत्व की आवश्यकता होती है, जिसमें 9 आवश्यक अमीनों अम्ल, कई वसा अम्ल, 4 वसा घुलनशील विटामिन, 10 पानी में घुलनशील विटामिन एवं कोलिन इसी के साथ कई अकार्बनिक पदार्थ, कई ट्रेस मिनरल्स, 3 इलेक्ट्रापेलाइट एवं अल्ट्रा ट्रेस तत्व (Ultra trace elements) भी हमारे आहर में आवश्यक होते हैं।

 

          हमारे शरीर में आवश्यक जरूरी पोषक तत्व की मात्रा उम्र व कार्यिकीय स्थिति (Physiological state) पर निर्भर करती हैं। वह आहार जिसमें पर्याप्त मात्रा में सभी पौष्टिक तत्व (कार्बोज, प्रोटीन, वसा, खनिज लवण एवं विटामिन) विद्यमान हों, जो व्यक्ति की शारीरिक वृद्धि एवं विकास के लिए पर्याप्त हों, संतुलित आहार कहलाता हैं। सन्तुलित आहार में पानी एवं रेशे (Roughage) भी पर्याप्त मात्रा में होने चाहिए। इसके अलावा आहार आकर्षक, स्वादिष्ट एवं व्यक्ति की रूचि के अनुकूल होना चाहिए।

 

 

भोज्य पदार्थ -

किसी एक भोज्य पदार्थ में सभी पोषक तत्व विद्यमान नहीं रहते हैं। इसलिए सन्तुलित आहार के लिए एक से अधिक भोज्य पदार्थों को एक साथ सम्मिलित करना पड़ता हैं। वायु एवंज ल के बाद भोजन मनुष्य की आधारभूत आवश्यकता (Basic need) हैं। भोजन से शरीर को ऊर्जा, पौष्टिक तत्व एवं उष्णता प्राप्त होती हैं, जिससे शरीर की विभिन्न शारीरिक एवं मानसिक क्रियाएं सम्पन्न होती हैं। शरीर की वृद्धि  (Growth), विकास (Development), मरम्मत (Maintenance), रोगों से रक्षा (Protection from diseases) नियंन्त्रण एवं प्रजनन कार्यों के लिए भोजन जरूरी है। भोजन में वे सभी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में विद्यमान रहते हैं, जो सभी कार्यों को सम्पन्न करते हैं। अतः जीवित प्राणी पोषक का ही उत्पादक रूप हैं। मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए लगभग 45 प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता रहती हैं।

 

          कुछ भोज्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जिनमें सभी पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं और वे शरीर के सभी कार्यों को सम्पन्न करते हैं, जबकि कुछ भोज्य पदार्थों में केवल एक या दो ही पोषक तत्व विद्यमान रहते हैं, जैसे - दूध एवं चीनी। दूध में सभी पोषक तत्व विद्यमान हैं, इसलिए दूध को पूर्ण भोज्य पदार्थ’ (Milk is complete food) कहा जाता हैं। चीनी में सिर्फ कार्बोहाइड्रेट  ही विद्यमान रहता है, इसलिए यह अपूर्ण भोज्य पदार्थ’ (Incomplete food) हैं। यह ऊर्जा उत्पादक का कार्य करता हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करता हैं।

 

शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भोजन अत्यन्त आवश्यक है, परन्तु यह प्रश्न हमारे मस्तिष्क में बार-बार उठता है कि हम क्या खाएं ? कितनी मात्रा में खाएं ? क्या उनमें वे सभी पोषक तत्व विद्यमान हैं, जो शरीर की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आवश्यक हैं ? इसलिए हमें आहार तथा पोषण (Food and Nutrition) के मौलिक सिद्धांतों की जानकारी होनी चाहिए ताकि हम अपने दैनिक आहार (Daily diet) में सम्मिलित कर सकें। हमारा उद्देश्य सिर्फ चटपटे एवं स्वादिष्ट भोजन करने में नहीं, बल्कि हमारा आहार सन्तुलित (Balanced) हो तथा उसमें सभी पोषक तत्व उपस्थित हों, जो हमारे शरीर की आवश्यकताओं के अनुरूप हों।

 

          अतिपोषण (Over-nutrition) भी शरीर के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता हैं। इससे मोटापा बढ़ता हैं और मोटापा विभिन्न बीमारियों (जैसे- हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, धमनियों में वसा का जमाव आदि) की जननी हैं।

 

विकसित देशों में कुपोषण अति-पोषण के कारण होता है, जिसमें मोटापा (Obesity), उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), हृदय रोग (Coronary diseases) आदि होते हैं। अविकसित एवं विकासशील देशों में कुपोषण अल्प पोषण के कारण होता हैं। आहार में वसा की मात्रा भी कम होती हैं। आहार में विटामिन तथा खनिज लवण की मात्रा भी दैनिक आवश्यकता के अनुरूप न होकर काफी कम होती हैं। विटामिन ए, डी तथा बी-कॉम्पलेक्स की काफी कमी रहती हैं।

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