Skip to main content

पक्ष्माभ व कशाभ (Cilia & Flagella)


पौधों में शैवाल, कवकों, ब्रायोफाइट्स, फर्न एवं कुछ अनावृत्तबीजियों के युग्मन तथा कुछ एककोशिकीय जंतुओं में एक अथवा एक से अधिक तंतुनुमा संरचनाऐं मिलती हैं, जिन्हें कशाभ व पक्ष्माभ कहा जाता हैं, ये कोशिका में गति के लिए उपस्थित संरचनाऐं कहलाती हैं। इनकी उत्पत्ति आधारी कणिका या ब्लेफेरोप्लास्ट (Blepharoplast) से मानी जाती हैं। पक्ष्माभ व कशाभ में निम्न मुख्य अंतर मिलते हैं -

पक्ष्माभ (Cilia)
 कशाभ (Flagella)
ये सदैव संख्या में असंख्य होते हैं, लेकिन लम्बाई में बहुत कम होते हैं।
 संख्या में बहुत कम प्रायः एक या दो या चार, लेकिन लम्बाई में अपेक्षाकृत्त अधिक होते हैं।
ये सामान्यतः 5-20 µm लम्बे होते हैं।
ये सामान्यतः 100-200 µm लम्बे होते हैं।
ये पेण्डुलम (दोलन) के रूप में गति करते हैं।
 ये तरंगित (लहर) के रूप में गति करते हैं।
इनमें समन्वित गति मिलती हैं।
 इनमें स्वतंत्र एवं असमन्वित गति मिलती हैं।
ये सभी एक प्रकार के होते हैं।
 ये टिन्सल (कूर्चिका) प्रकार के एवं व्हिपलैस (घोड़े की पूँछ) के समान होते हैं।
ये कोशिका की पूरी सतह पर फैले होते हैं।
 ये सामान्यतः शरीर के अग्र भाग पर पाए जाते हैं।
कार्य - गति, भोजन, संवेदन व संलग्नता।
 केवल गति।


पक्ष्माभ व कशाभ की संरचना (Structure of Cilia & Flagella)

Cilia & Flagella structure
Structure of Cilia & Flagella



कशाभ व पक्ष्माभ सूक्ष्मनलिकाओं से मिलकर बने होते हैं। इन पर एकल कोशिका ण्ल्लिी पाई जाती हैं। इनमें एक तरल भरा रहता हैं, जिसे मैट्रिक्स (Matrix) कहा जाता हैं। इनकी संरचना में 9 परिधिय सूक्ष्मनलिकाऐं व दो केन्द्रीय सूक्ष्मनलिका होती हैं। परिधीय सूक्ष्म नलिकाऐं द्विक के रूप में पाई जाती हैं, जबकि केन्द्रीय सूक्ष्मनलिकाऐं एकल होती हैं। दो केन्द्रीय सूक्ष्मनलिकाऐं केन्द्रीय एक्सोनीमा (Exonema) का निर्माण करती हैं, जबकि शेष द्विक केन्द्रीय एक्सोनीमा के चारों ओर व्यवस्थित होकर परिधीय एक्सोनीमा बनाती हैं। परिधीय द्विको की दो उपनलिकाऐं - उपनलिका A व उपनलिका B कहलाती हैं। उपनलिका A से दो भुजाऐं या प्रवर्ध निकलते हैं। ये भुजाऐं दक्षिणावृत दिशा में व्यवस्थित रहती हैं। उपनलिका A, उपनलिका B की तुलना में केन्द्र से निकट स्थित होती हैं। सूक्ष्मनलिकाओं की इस सम्पूर्ण व्यवस्था को 9+2 व्यवस्था कहा जाता हैं।


पक्ष्माभ व कशाभ का रासायनिक संघटन (Chemical composition of Cilia & Flagella) -

सभी सूक्ष्मनलिकाऐं ट्यूब्यूलिन (Tubulin) प्रोटीन से मिलकर बनी होती हैं। A उपनलिका की भुजाओं में डायनिन प्रोटीन पाया जाता हैं, जो माँसपेशियों की मायोसिन प्रोटीन से समानता दर्शाता हैं। डायनिन एक एटीपेज एंजाइम हैं। जो एटीपी के एडीपी में जल अपघटन को उत्प्रेरित करता हैं। इस प्रक्रिया में मुक्त ऊर्जा कशाभ व पक्ष्माभ के कार्य में काम आती हैं।

          दो सूक्ष्मनलिकाओं के बीच स्थित अर्न्तद्विक संयोजक नेक्सिन (Nexin) प्रोटीन के बने होते हैं। अरीय ताडियाँ  व केन्द्रीय आच्छद अज्ञात प्रकृति के प्रोटीन से बनी होती हैं। पक्ष्माभ Metachronous या Synchronous रूप से संकुचित होते हैं। संकुचन के Metachronous प्रकार में एक पंक्ति के पक्ष्माभ के बाद दूसरा संकुचित होता हैं, जबकि Synchronous प्रकार में एक पंक्ति के सभी पक्ष्माभ एक साथ संकुचित होते हैं। कशाभ एक-दूसरे से स्वतंत्र होकर संकुचित होते हैं। संकुचन की तरंगे कशाभ के आधार से शीर्ष की ओर गति करती हैं तथा जीव की गति कशाभ (Flagella) की गति के विपरीत दिशा में होती हैं।


पक्ष्माभ व कशाभ के कार्य (Functions of Cilia & Flagella)-

1.ये गति के अंग हैं।
2. श्वसन मार्ग के पक्ष्माभ धूल के कणों को प्रवेश करने से रोकते हैं।
3. अण्डवाहिनी के पक्ष्माभ अण्डे की गति में सहायक होते हैं।

Comments

  1. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular Posts

B.Sc Part-III Practical Records Complete PDF Free Download

पाचन की कार्यिकी (Physiology of Digestion)

1. मुखगुहा में पाचन (Digestion in mouth) - पाचन की प्रक्रिया यांत्रिक एवं रासायनिक विधियों द्वारा सम्पन्न होती हैं। मुखगुहा के मुख्यतः दो कार्य होते हैं- (अ) भोजन को चबाना व (ब) निगलने की क्रिया।

ओर्निथिन चक्र (Ornithine cycle)

यकृत में अमोनिया से यूरिया बनाने की क्रिया भी होती हैं। यह एक जटिल रासायनिक प्रतिक्रिया है , जिसे ऑर्निथिन चक्र (Ornithine cycle) कहते हैं। इसी का नाम क्रेब्स-हैन्सेलेट (Krebs-Henslet cycle) चक्र भी हैं। यूरिया बनने की संपूर्ण प्रक्रिया एक चक्रीय प्रक्रिया हैं तथा इसमें अमोनिया , कार्बनडाइऑक्साइड एवं अमीनो अम्ल का समूह भाग लेते हैं। इसलिए ही इसे ‘ ऑर्निथीन-ऑर्जिनीन चक्र ’ (Ornithine-Arginine cycle) भी कहते हैं। यह निम्न पदों में पूरा होता हैं -   Ornithine cycle