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वानस्पतिक उद्यान (Botanical gardens)


वानस्पतिक उद्यान प्राकृतिक रूप से संरक्षित एवं सुरक्षित ऐसे स्थल होते हैं, जहाँ विभिन्न प्रकार के पौधों को जीवित अवस्था में संरक्षित रखा जाता हैं। प्राचीन काल से ही वानस्पतिक उद्यानों के प्रति मनुष्य का ध्यान रहा हैं। उन्होनें भोजन, आवास, औषधी तथा अन्य उपयोग में आने वाले पौधों को उगाने का कार्य किया था। थियोफ्रेस्टस, चार्ल्स डार्विन, जोन रे, लेमार्क आदि ने वानस्पतिक उद्यान को पादप वर्गिकी के केन्द्र के बारे में बताया। हैंगिंग गार्डन ऑफ बेबीलोन इसी क्षेत्र में प्राचीन वानस्पतिक उद्यान का अनोखा उदाहरण हैं।
         
          18वीं शताब्दी से वानस्पतिक उद्यानों का प्रचलन तेज हो गया तथा अब तक लगभग 525 वानस्पतिक उद्यान विश्व में ज्ञात हैं। लेकिन इनमें से 125 वानस्पतिक उद्या नही प्रमाणित एवं डॉक्यूमेंटेड (Documented) हैं।


वानस्पतिक उद्यानों की भूमिका या महत्व (Significance of botanical gardens) -
1.वानस्पतिक उद्यान किसी एक पादप जाति के विस्तृत अध्ययन के लिए उपयोगी होता हैं। इसे मोनोग्राफिक अध्ययन कहते हैं।

2. वर्गिकीय अध्ययन हेतु जीवित पौधें उपलब्ध हो जाते हैं।

3. अन्य स्थानों पर पौधें लगाने के लिए बीज या अन्य पादप भाग उपलब्ध कराए जाते हैं।

4. वानस्पतिक उद्यान प्रकृति के सौन्दर्य होते हैं, जिन्हें देखने के लिए देशी एवं विदेशी पर्यटक आते हैं, अतः यह अर्थव्यवस्था के उन्नयन के केन्द्र या धुंआरहित उद्योग की तरह कार्य करते हैं।

          सन् 1962 में अन्तर्राष्ट्रीय वानस्पतिक उद्यान संगठन तैयार किया गया था। जिसकी डायरेक्ट्री 1983 में प्रकाशित हुई।


विश्व के महत्वपूर्ण वानस्पति उद्यान (Important botanical gardens of the world) -
1.रॉयल वानस्पतिक उद्यान, क्यू (इंग्लैण्ड) -
यह विश्व का सबसे बड़ा वानस्पतिक उद्यान हैं, जिसकी स्थापना विलियम एटॉन ने 1759 में की थी। लेकिन सभी लोगों के लिए 1841 में खुला था। यह बोटेनिकल केपिटल भी कहा जाता हैं। जे.डी.हूकर, जॉर्ज डब्ल्यू. बैन्थम, हचिन्सन आदि इसके निदेशक रहे। इस उद्यान में अलग-अलग क्षेत्रों को इस प्रकार जाना जाता हैं - एल्पाइन हाउस, रोज हाउस, एसर हाउस, सिट्रस हाउस, प्रूनस हाउस, मेग्नोलिया हाउस आदि।
          यह वानस्पतिक उद्यान लगभग 200-400 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ हैं। यहाँ से प्रकाशित जानकारी क्यू बुलेटिन एवं इंडेक्स क्यूऐन्सिस में दी जाती हैं।

2. ओरटो वानस्पतिक उद्यान, इटली (पेडुआ वानस्पतिक उद्यान) -
इटली में स्थित इस वानस्पतिक उद्यान को प्राचीन वानस्पतिक उद्यान कहा जाता हैं। जहाँ घास, माँसलोद्भिद पौधे तथा जलीय पौधे उगाए जाते हैं।

3. बोटेनिश्चर उद्यान -
इस उद्यान से संबंधित वर्गिकीविज्ञ ए. डब्ल्यू. आइकलर एवं एडोल्फ एन्गलर थे।

4. रॉयल बोटेनिकल गार्डन, ईडनबर्ग (स्कॉटलैण्ड) -
यह बाँस, एसर, रोडोडेण्ड्रॉन आदि के लिए प्रसिद्ध थे। इसे विश्व का रॉक गार्डन भी कहते हैं।

5. बोटेनिकल गार्डन, मास्को -
लगभग 900 एकड़ भूमि पर अवस्थित हैं।

6. इण्डियन बोटेनिकल गार्डन, शिवपुर, कोलकत्ता -
यह ट्रोपिकल पौधों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त हैं। यह 273 एकड़ भूमि पर फैला हुआ हैं। इसमें उपस्थित पाइन के वृक्ष, बरगद वृक्ष महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र के रूप में हैं। विलियम रॉक्सबर्ग इसी उद्यान के निदेशक रहे। इस उद्यान में पाम हाउस, अमेजन लिलि आदि पौधें मिलते हैं। विश्व का सबसे चौड़ी पत्तियों वाला पौधा विक्टोरिया रेजिया (विक्टोरिया अमेजोनिका) यहाँ पाया जाता हैं।

7. नेशनल बोटेनिकल गार्डन, लखनऊ -
NBRI (National Botanical Research Institute) द्वारा नियंत्रित।

8. डेजर्ट वानस्पतिक उद्यान, जोधपुर
BSI का वानस्पतिक उद्यान, जोधपुर
बोटेनिकल गार्डन ऑफ CAZRI, जोधपुर
बोटेनिकल गार्डन ऑफ AFRI, जोधपुर

CAZRI - सेन्ट्रल एरिड जोन रिसर्च इंस्टीट्यूट (Central Arid Zone Research Institute)
AFRI - एरिड फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (Arid Forest Research Institute)



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