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मेढ़क में न्यूरुला निर्माण एवं नोटोकोर्ड का वर्धन (Description of neurula formation and notocard in frog)



यद्यपि मेंढक में विभिन्न अंगों के वर्धन हेतु भावी प्रदेश ब्लास्टुला प्रावस्था में ही सुनिश्चित हो जाते हैं किन्तु ये प्रदेश बाह्य रूप् से अंकित नहीं होते। नर्वकॉर्ड, नोटोकॉर्ड तथा आहार नाल का वास्तविक भिन्नन एवम् वर्धन गैस्ट्रुला प्रावस्था के पूर्ण होने के बाद होता है।


1.नर्वकॉर्ड या न्यूरल ट्यूब का वर्धन - 

गैस्ट्रुलेशन के समाप्त होते-होते भ्रूण के अग्र अक्ष के साथ-साथ लम्बा व नाशपाती के समान एक न्यूरल प्लेट प्रदेश विकसित हो जाता है। यह ब्लास्टोपोर के पृष्ठ ओष्ठ के मध्य-पृष्ठ तल के साथ-साथ आगे तक फैला रहता है। इसका प्रेरण या तो नीचे की ओर स्थित आद्यात्र की छत द्वारा अथवा फिर नोटोकॉर्ड द्वारा होता है। न्यूरल प्लेट या मेड्यूलरी प्लेट एक्टोडर्म कोशिकाओं के एक स्थूलन के रूप में होती है। न्यूरल प्लेट के पार्श्व उपांत अधिक स्थूलित होकर न्यूरल फोल्ड बनाते है। न्यूरल फोल्डों के क्रमिक रूप से ऊपर उठने एवं अंदर की ओर मुड़ने के कारण इनके बीच स्थित न्यूरल प्लेट धीरे-धीरे नीचे की ओर धँसने लगती है तथा इस प्रकार की बनी खाँच को न्यूरल खाँच कहते है। फोल्ड अंदर की ओर एक-दूसरे की ओर वृद्धि करते हुये परस्पर मिलकर संयुक्त हो जाते है। इस प्रकार न्यूरल नाल का निर्माण पूर्ण हो जाता है।

सर्वप्रथम न्यूरल नाल की पूर्ति मध्य में प्रारम्भ हो जाती है। तथा उसके बाद आगे व पीछे की ओर होती हैं। कुछ समय तक फोल्ड अगले सिरे पर परस्पर संयुक्त नहीं होते, जिससे यहाँ एक छिद्र बन जाता है जिसे न्यूरोपोर कहते हैं। न्यूरोपोर द्वारा ही न्यूरोसील या न्यूरल नाल की गुहा बाहर से सम्बन्धित होती है। पिछले सिरे पर न्यूरल फोल्ड ब्लास्टोपोर के उपांतों के साथ संयुक्त हो जाते हैं और इनके मिलने के स्थान पर ब्लास्टोपोर स्थित होता हैं। इसके फलस्वरूप् भ्रूण की आंत्र गुहा बाहर से संबंधित न होकर न्यूरोसील से संबंधित होती है। वास्तविक ब्लास्टोपोर दोनों के बीच नाल के समान एक स्थाई संयोजन का रूप ले लेता है। जिसे न्यूरेएण्ट्रिक नाल कहते है।

न्यूरल फोल्ड्स के संयुग्मन के फलस्वरूप् न्यूरल नाल का निर्माण पूर्ण हो जाता है। यह पृष्ठ एक्टोडर्म से अलग हो जाती है तथा एक्टोडर्म न्यूरल नाल के ऊपर एक अविरत स्तर बनाती है।
कुछ समय बाद न्यूरल नाल का अगला चौड़ा सिरा मस्तिष्क में तथा शेष न्यूरल नाल या मेड्यूला में रूपान्तरित हो जाती है। न्यूरल प्लेट के भिन्नन के समय एक्टोडर्म दोनों ओर पार्श्व में स्थलित होकर कोशिकाओं की एक-एक पट्टी बनाती है। इनको न्यूरल-क्रैस्ट कहते हैं। न्यूरल नाल के पूर्ण होने पर इसके दोनों ओर पृष्ठ-पार्श्व में स्थित होते हैं। ये बाद में स्पाइनल तथा क्रेनियल तंत्रिकाओं के पृष्ठ मूल गैंगलिया में विकसित हो जाते हैं।


2. नोटोकॉर्ड का वर्धन - 

मेंढक के गैस्ट्रुला में प्रकल्पित कॉर्डा कोशिकायें मीसोडर्म की अभिन्नित कोशिकाओं से विकसित होती है। और आद्यांत्र की छत के मध्य पृष्ठ प्रदेश में एक संकरी पट्टी बनाती है। प्रारम्भ में ये मीसोडर्म से सीमांकित नहीं होती किन्तु शीघ्र ही कॉर्डा कोशिकायें एक संकरी दरार द्वारा मीसोडर्म कोशिका से अलग हो जाती है। पृथक् होने के तुरन्त बाद ये एक बेलनाकार छड़ के रूप में विन्यासित हो जाती है। ये रसधानी-युक्त प्रतीति धारण कर लेती हैं और अपने चारों ओर नोटोकॉर्डल आवरण स्रावित करती है। 

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