पादपों में जन्तुओं की भांति उत्सर्जन अंग (Excretory Organs) व तंत्र नहीं पाए जाते हैं। पादपों में उत्सर्जन की प्रक्रिया भी जन्तुओं की अपेक्षा सरल होती हैं। पादपों में उत्सर्जन की प्रक्रिया सरल होने के निम्न कारण माने जाते हैं :- 1. पादपों में उपापचयी क्रियायों की दर, जंतुओं की अपेक्षा कम होना। इसीलिए उपापचयी क्रियायों से अपशिष्ट पदार्थों के निर्माण की दर भी जंतुओं की अपेक्षा कम होती हैं। 2. अनावश्यक पदार्थो का पर्ण की मृत कोशिकाओं में या तने की काष्ठीय कोशिकाओं में संग्रहित होना। 3. कई अपशिष्ट पदार्थों का घुलित अवस्था में रिक्तिकाओ में पाया जाना, जिसके फलस्वरुप ये पदार्थ कोशिकाओं की विभिन्न जैविक क्रियाओ में बाधक नही होते हैं। 4. पौधों द्वारा अपचयी क्रियायों में बने अधिकांश अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग उपापचयी क्रियायों में कर लिया जाता हैं। 5. प्रोटीन उपापचय में बने नाइट्रोजनी अपशिष्ट उत्पादों का उपयोग प्रोटीन-संश्लेषण (Protein Synthesis) में कर लिया जाता हैं। 6. जलीय पादपों में विसरण (Diffusion) की प्रक्रिया द्वारा उत्सर्जी/अपशिष्ट पदार्थों को त्याग दिया जाता हैं। 7. स्थलीय पादपो...